हिरण के पैर!

"वही मेरे पैरों को हिरनी के पैरों के समान बनाता है, और मुझे ऊँचे स्थानों पर खड़ा करता है" (भजन 18:33)।

हिरन के पैर इतने मजबूत होते हैं कि वह बहुत तेज दौड़ सकता है। वह पैर उससे छलांग लगाने और पहाड़ों पर चढ़ने में भी मदद करता है। वे ऊँचे पहाड़ों पर कूदते और चढ़ते हैं, जहां अन्य नहीं पहुंच सकते और वहाँ साहसपूर्वक खड़े होते हैं।

यह पद्य जिस मे लिखा है ' परमेश्वर मेरे पैरों को हिरनी के पैरों के समान बनाता है' यह इंजील मे तीन उदाहरणों में प्रकट होता है, वह है (II शमूएल 22:34, भजन 18:33, हबक्कूक 3:19)। इन तीनों छंदों में,आप उच्च स्थानों पर खड़े होने में मदद करने वाले हिरन के पैर पा सकते हैं। हिरन के पैर आपको चट्टान जो येशु हैं उनमें मजबूती से खड़े होने केलिए चाहिए|

कुछ लोगों के पैर हिरनों की तरह नहीं बल्कि हाथियों की तरह होते हैं जो वास्तव में फ़ीलपाँव नामक एक बीमारी है। यह रोग परजीवी कीड़े के कारण होता है और व्यापक रूप से मच्छरों द्वारा एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है। ये परजीवी कीड़े बहुत छोटे होते हैं और उन्हें खुली आंखों से नहीं देखा जा सकता है और यह मच्छर के काटने से फैलता है।

शुरुआत में,लोगों को पता नहीं होता कि वे इन परजीवी कीटाणुओं से संक्रमित हो गए हैं। तीन से पांच साल के बाद ही पीड़ित व्यक्ति अंगों की सूजन और बुखार जैसे लक्षण पाते हैं। अंत में, वह लाइलाज हो जाते हैं, और उनके पैर ऐसे दिखने लगते हैं जैसे हाथी के पैर हों और उनमें से मवाद निकलने लगता है |

देखो ! यह छोटा सा मच्छर कितनी बड़ी मुसीबत लेकर आता है ! वास्तव में, वह एक छोटा प्राणी है जिसे आसानी से कुचल दिया जा सकता है। लेकिन जब आप एक मच्छर के काटने को अनदेखा करते हैं, तो वह कभी न खत्म होने वाला दुख बन जाता है।

उसी प्रकार, जब आप कुछ पापों के प्रति सुस्त होते हैं, यह सोचकर कि इन छोटे पापों के कारण कितनी बड़ी परेशानी हो सकती है, तो ये पापें आपके ज्ञान के बिना ही धीरे-धीरे बड़े और मजबूत हो जाते हैं और अंत में आत्मा को संक्रमित बना देती हैं। अंत में इंजील मे लिखे शब्दों के अनुसार , "आत्मा जो पाप करता है वह मर जाएगा"|

क्या आपके पैर जो कि हिरण के समान होने चाहिए, हाथी के समान लगने लगें हैं ? आपके लिए खुद का मूल्यांकन करने का यह सही समय है। सिर्फ यीशु मसीह ही वह चिकित्सक हैं जो पाप से हमे ठीक कर सकते हैं । सिर्फ उनका रक्त ही सभी पापी कीटाणुओं को हटा सकता है और आपको शुद्ध कर देगा।

पोतीफ़र की पत्नी यूसुफ को पाप मे गिराने के लिए तैयार थी। लेकिन यूसुफ बहुत सतर्क था और "यौन अनैतिकता पलायन " शब्दों के अनुसार, उसने अपने पैर हिरन की तरह बनाए और भाग गया। और इस प्रक्रिया में अपने परिधान को खोने के लिए भी तैयार था । ईश्वर के प्रिय बच्चे, प्रतिदिन ईश्वर की उपस्थिति में स्वयं को परखो । पाप को अपने भीतर कभी न आने दें।

ध्यान करने के लिए: " क्योंकि तूने मुझ को मृत्यु से बचाया है; तूने मेरे पैरों को भी फिसलने से बचाया है, ताकि मैं परमेश्वर के सामने जीवितों के उजियाले में चलूँ फिरूँ" (भजन 56:13)।