खामोशी!

"मैं मौन धारण कर गूंगा बन गया और भलाई की ओर से भी चुप्पी साधे रहा और मेरी पीड़ा बढ़ गई"(भजन 39:2)।

' चुप रहने का समय है और बोलने का भी समय है' सभोपदेशक कहता है (सभो पदेशक3:7)। जब मौन रहना आवश्यक है तब आपको मौन रहना है।

कुछ कैथोलिक सभाओं के मठ 'मौन संतो के मठ' कहलाते हैं। वहां के संत किसी से भी बात नहीं करते हैं। इसराइल में वहां एक मठ है करीत नामक नाले के बाजू में जिधर ऐलिया छुपा था। इस मठ में कुछ संत एक रिवाज के चलते मौन दिखाई देते हैं। वे एक साथ इस तरह कई महीनों तक रहते हैं। वे एक संस्कार विधि का पालन करते हुए यह दर्शाते हैं कि जैसे एलिया यहां छुपते समय मौन था वैसे ही हम लोग भी मौन हैं।

पुराने नियम में जो लोग पाप से पश्चाताप करते थे वे टॉट ओड़ते एवं अपने सिरों पर धूल को छिड़कते थे। उस दिन को वे शुद्धीकरण वाले दिन के समान उपयोग में लाते थे। वचन कहता है "सिय्योनकी पुत्री के पुरनिए भूमि पर चुपचाप बैठे हैं उन्होंने अपने सिर पर धूल उड़ाई और टाट का फैटा बांधा है यरूशलेम की कुमारीयों ने अपना अपना सिर भूमि तक झुकाया है"(विलाप गीत 2:10)।

परमेश्वर उन्हें देखता है जो स्वयं को मौन रहकर दबाते हैं और वह उनको कैद से छुड़ाता है। वह उनके आंसुओं को नृत्य में बदल देता है। दाऊद ने भी उसके जीवन में एक दिन मौन रहना चुना और उस दिन उसने खामोशी के साथ परमेश्वर के वचन पर ध्यान किया। ऐसी खामोशी ध्यान करने के लिए उपयुक्त होती है। यह खामोशी दुनिया की आवाजों से हमारे कान को बंद कर लेती है और हमारे हृदय को परमेश्वर की आवाज सुनने के लिए खोलती है। उन समयो में उसका हृदय अंदर ही अंदर जल रहा था और उसके आत्मा में आग भड़क उठी थी(भजन 39:3)।

इस दुनिया में लोग लगातार बातचीत के द्वारा ही अपने कार्य संपन्न करते हैं। जो अपने वस्तुओं को बेचना चाहते हैं वे अपने उत्पाद के सर्वश्रेष्ठ गुणों को आकर्षित करते हुए उसका विज्ञापन करते हैं। आज बोलना केवल मनुष्य के द्वारा ही नहीं किया जाता परंतु रेडियो, रिकॉर्ड प्लेयर एवं टेलीविजन भी आज बोलते हैं।

कुछ तरह के विज्ञापनों की आवाज हमारे कानों में लगातार गूंजती रहती है। यह विज्ञापन मनुष्य के जीवन को उनके सुविधा के अनुसार मोड़ देते हैं। क्योंकि बहुत सारी आवाजें आपके कानों में गूंजती रहती हैं इसलिए परमेश्वर की आवाज को सुनने के अवसर को ये रोक देती हैं। प्यारे प्रभु के बच्चों, खासकर परमेश्वर की आवाज को सुनने के लिए हम एक निश्चित समय खामोशी का नियुक्त करें। जो खामोशी आप परमेश्वर के लिए अर्पित करेंगे वह आपके लिए आशीष को लेकर आएगी।

ध्यान करने का वचन:"परंतु यहोवा अपने पवित्र मंदिर में है समस्त पृथ्वी उसके सामने शांत रहे"(हबक्कूक 2:20)